ब्रह्मांड के रहस्यों ने इंसान को हमेशा अपनी ओर आकर्षित किया है. ‘ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार, हाऊ आई वंडर व्हॉट यू आर’, केवल एक बाल कविता नहीं है, यह उस जिज्ञासा की पहचान है जो आदिकाल से मनुष्य के मन में रही है. अब ये पता है कि सितारे हमें छोटे क्यों नजर आते हैं, उनमें चमक क्यों है, तारे टूटने का मतलब क्या है, लेकिन जिज्ञासाएं यहीं खत्म नहीं हो जाती हैं.
ICYMI: Yesterday, the world got its first look at the full capabilities of the world's most powerful space telescope.
Relive highlights from the @NASAWebb live event at @NASAGoddard: https://t.co/ZCNjHYEGJl #UnfoldTheUniverse pic.twitter.com/vKctdH8pKZ
— NASA (@NASA) July 13, 2022
जब सितारे बने थे, तो किस तरह दिखते थे, लाखों-करोड़ों बरसों में उनके रूप, रंग, आकार में क्या बदलाव हुआ है, इस ब्रह्मांड में चमचमाती आकाशगंगाओं के अलावा भी क्या कुछ और चमकता है, हमारी पृथ्वी के अलावा और किस ग्रह में जीवन संभव हो पाएगा, ऐसे ढेरों सवाल अब भी मानव मस्तिष्क को मथ रहे हैं. जब आने वाले बरसों में इनके सवाल मिल जाएंगे, तो कुछ और नए सवाल खड़े हो जाएंगे.
Better together. International collaboration gave us the most powerful space telescope ever made, and the deepest infrared views of the universe ever seen. With our partners at @ESA and @CSA_ASC, the science can begin. Together we #UnfoldTheUniverse: https://t.co/oFA1ja4jeP pic.twitter.com/8TXTZEIb6H
— NASA (@NASA) July 12, 2022
Space is lovely, dark and deep. You're looking at the deepest infrared image of the universe ever taken—the first full-color image from @NASAWebb.
Go deeper on the galaxies of SMACS 0723 at https://t.co/63zxpNDi4I #UnfoldTheUniverse pic.twitter.com/YS8JZI3KqM
— NASA (@NASA) July 12, 2022
Put a ring on it! 💍
Compare views of the Southern Ring nebula and its pair of stars by Webb’s NIRCam (L) & MIRI (R) instruments. The dimmer, dying star is expelling gas and dust that Webb sees through in unprecedented detail: https://t.co/tlougFWg8B #UnfoldTheUniverse pic.twitter.com/yOMMmQcAfA
— NASA Webb Telescope (@NASAWebb) July 12, 2022
Take Five: Captured in exquisite detail, @NASAWebb peered through the thick dust of Stephan’s Quintet, a galaxy cluster showing huge shockwaves and tidal tails. This is a front-row seat to galactic evolution: https://t.co/63zxpNDi4I #UnfoldTheUniverse pic.twitter.com/em9wSJPkEU
— NASA (@NASA) July 12, 2022
Clouds on another world. @NASAWebb captured the signature of water on giant gas planet WASP 96-b, which orbits a star 1,150 light-years away. For the first time, we've detected evidence of clouds in this exoplanet's atmosphere: https://t.co/63zxpNDi4I #UnfoldTheUniverse pic.twitter.com/f3HOX0HKis
— NASA (@NASA) July 12, 2022
25 अप्रैल, 1990 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष में हबल टेलीस्कोप भेजा था, जिसकी खींची तस्वीरों से कई सवालों को सुलझाने में मदद मिली. हबल के बाद ही जेम्स वेब नाम के दूसरे टेलीस्कोप को तैयार करना नासा ने शुरु कर दिया था. 10 अरब डॉलर की लागत से तैयार इस टेलीस्कोप को पिछले साल दिसंबर में अंतरिक्ष में भेजा गया. ये टेलीस्कोप इतना शक्तिशाली बनाया गया कि अंतरिक्ष की बारीकियों को यह अपने लैंस से पकड़ सकता है.
इस टेलीस्कोप को दो खास मकसद से तैयार किया गया. पहला ब्रह्मांड में 13.5 अरब साल से भी पहले से चमकने वाले सबसे पहले सितारों की तस्वीरें लेना और दूसरा ऐसे ग्रहों की तलाश करना है, जहां जीवन की उम्मीद हो. दो दिन पहले अपने पहले लक्ष्य की दिशा में एक बड़ी सफलता जेम्स वेब टेलीस्कोप को मिली.
इस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड की चमचमाती हुई रंगीन तस्वीरें धरती पर भेजीं. इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि 13.8 अरब साल पहले सितारे किस तरह थे. गहन-घुप्प अंधकार के बीच अलग-अलग आकार की आकाशगंगाएं चमक बिखेर रही हैं. ऐसा लग रहा है मानो प्रकृति की आतिशबाजी को किसी ने कैमरे में कैद किया है.
Zoom Into the Southern Ring Nebula Captured by NASA James Webb Space Telescope. #JWST
It's mind blowing to consider how such a massive object can be such a miniscule fraction of the universe. 💙 pic.twitter.com/VODgcUOmUl
— Erika (@ExploreCosmos_) July 19, 2022
इस टेलीस्कोप ने डब्ल्यूएएसपी-96 बी नाम के वातावरण का विश्लेषण किया है, जो पृथ्वी से 1,000 प्रकाश वर्ष से अधिक की दूरी पर स्थित एक विशाल ग्रह है. ये हमें वहां के वातावरण के बारे में बताएगा. ग्रह पर ज़िंदगी बनाए रखने के लिए डब्ल्यूएएसपी-96 बी अपने मूल तारे के काफ़ी करीब परिक्रमा करता है लेकिन नासा के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वेब एक ऐसे ग्रह की ख़ोज कर सकता है जिसकी हवा में गैसें हैं. ये धरती के बाहर मौजूद गैसों के समान हैं, जो जीवन की उम्मीद के संकेत दे सकता है.
नासा को जब ये तस्वीरें जेम्स वेब टेलीस्कोप से प्राप्त हुईं तो वहां उनका दीदार करने के लिए वैज्ञानिकों के साथ, वैज्ञानिकों जैसी वेषभूषा में राष्ट्रपति बाइडेन नहीं बैठे हुए थे बल्कि उन्हें व्हाइट हाउस में एक ब्रीफ़िंग के दौरान मंगलवार को ये तस्वीर दिखाई गईं, जिसके बाद राष्ट्रपति ने कहा, ‘ये तस्वीरें पूरी दुनिया को ये संदेश देने वाली हैं कि अमेरिका बड़े काम कर सकता है. और अमेरिकी लोगों में- ख़ासकर हमारे बच्चों में ये विश्वास भरने वाला है कि ऐसी कोई चीज़ नहीं जो हमारी सीमा से बाहर हो.’
9 अरब डॉलर से बना जेम्स वेब टेलीस्कोप अब तक का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है जिसे अंतरिक्ष में भेजा गया है. इस टेलीस्कोप को बनाया ही हमारी आकाशगंगा के बाहर फैले असीमित ब्रह्मांड में झांकने के मकसद से गया है.
तस्वीर जारी करते वक्त बाइडेन के साथ नासा प्रमुख बिल नेल्सन भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जो तस्वीर दिखाई जा रही है वह 4.6 अरब साल पुराने तारा समूह SMACS0723 की है. तारों के इस समूह का कुल भार गुरुत्वाकर्षण लेंस की तरह काम करता है और इसके पीछे मौजूद आकाशगंगाओं से आ रहे प्रकाश को फैला देता है.
नेल्सन ने कहा कि तस्वीर में जो रोशनियां दिखाई दे रही हैं उनमें से कम से कम एक 13 अरब साल पहले की है, यानी बिग बैंग से सिर्फ 80 करोड़ साल बाद की. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ब्रह्मांड की शुरुआत एक विशाल धमाके यानी बिग-बैंग से 13.8 अरब साल पहले हुई थी.
बाइडेन ने कहा, “यह हमारे ब्रह्मांड के इतिहास में एक नई झांकी है. मेरे लिए यह विस्मयकारक है.” नेल्सन ने कहा कि जेम्स वेब ने जो तस्वीरें ली हैं उनमें नजर आ रहा रोशनियों का हर बिंदु हजारों आकाशगंगाओं का समूह है और यह वैसा ही है जैसे चावल के एक दाने को हम एक बांह की दूरी से देख रहे हों.
जेम्स वेब को नॉर्थरोब ग्रूमैन कॉर्प नाम की कंपनी ने बनाया है जो एयरोस्पेस उपकरण बनाने वाली विशालतम कंपनियों में से एक है. नासा ने इस टेलीस्कोप को यूरोपीय और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर 25 दिसंबर 2021 को दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर स्थित फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किया था.
टेलीस्कोप को काम शुरू करने से पहले की तैयारियों में छह महीने का वक्त लगा. उसने अपने शीशों को सही स्थिति में पहुंचाया और लेंस को आगे पीछे किया ताकि सबसे साफ तस्वीरें ली जा सकें. वैज्ञानिकों का कहना है कि वेब अब पूरी तरह तैयार है और इसके जरिए विभिन्न अभियान शुरू किए जाएंगे जिनमें अलग-अलग आकाशगंगाओं के आकलन से लेकर तारों के जीवन चक्र और दूरस्थ ग्रहों का अध्ययन तक शामिल होगा.
जेम्स वेब ने 30 साल पुराने हबल टेलीस्कोप की जगह ली है और अपने पूर्ववर्ती से यह लगभग 100 गुना ज्यादा ताकतवर है. इसका प्रकाश सोखने वाला तल्ला कहीं ज्यादा बड़ा है जिस कारण यह ज्यादा दूर स्थित चीजों को भी देख पाता है. वेब ने शुरुआत में जिन पांच जगहों की तस्वीरें ली हैं उनके बारे में वैज्ञानिकों को पहले से जानकारी थी. इनमें दो गैसों के विशाल बादल हैं जो नए तारों के निर्माण के दौरान हुए विस्फोटों से बने थे. तस्वीरों में आकाशगंगाओं का एक समूह ‘स्टेफान क्विन्टेट’ भी है जिसे 1877 में खोजा गया था.
- सर्वमित्रा सुरजन एवं रॉयटर की खबर से साभार
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