विज्ञान सदैव से प्रयोगधर्मी रहा है. यहां तक कि हर सफल प्रयोग के पीछे वर्षों की मेहनत और अनेकों असफल प्रयोगों का इतिहास रहा है. इसी श्रेणी में ब्रेन सर्जरी से जुड़े अनेकों असफल सर्जरी भी है. इसी में से एक खोज हुई है, जिससे पता चलता है कि ब्रेन सर्जरी का कितना प्रचीन इतिहास रहा है. वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर पता चला है कि आज से तकरीबन 3500 साल पहले एक सर्जरी की गई थी और वह भी ब्रेन की, जिसे काफी जटिल माना जाता है.
पुरातत्वविदों को इजरायल के प्राचीन शहर तेल मेगिद्दो में एक मकबरे की खुदाई के दौरान एक कब्र मिली थी. यह 1550 ईसा पूर्व और 1450 ईसा पूर्व के बीच की बताई जा रही है. रिसर्च से पता चला कि दो सगे भाइयों को यहां दफन किया गया था, जिनकी उम्र तकरीबन 20 से 40 साल के बीच रही होगी.
पड़ताल में पता चला कि उन दोनों भाइयों की मृत्यु से पहले ब्रेन सर्जरी की गई थी. साइंटिस्ट इससे अंदाजा लगा रहे हैं कि शायद उस शख्स को जिंदा बचाने के लिए यह कोशिश की गई होगी लेकिन लगता है कि वह सफल नहीं रही. उनका यहां तक दावा है कि प्राचीन काल में भी ब्रेन सर्जरी की तकनीक मौजूद थी.
खोपड़ी में गहरा छेद मिला
सर्जरी की इस तकनीक को ट्रेफिनेशन के रूप में जाना जाता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक भाई के सिर में कोणीय नोकदार ट्रेफिनेशन था. यानी उसकी खोपड़ी में गहरा छेद किया गया था. ललाट की हड्डी पर चार लाइनें मिली हैं. इन्हीं के जरिए सिर में 30 मिलीमीटर (1.2 इंच) चौकोर आकार का छेद बनाया गया था.
वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया है कि उस वक्त के वैद्य ने ऑपरेशन के जरिए उस शख्स के सिर से हड्डी के टुकड़े को बाहर निकाला होगा और शायद उसकी जांच की गई होगी. ब्राउन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले के जमाने में ट्रेफिनेशन तकनीक के जरिए सर्जरी के सबूत मिलते हैं.
रिसर्च से सह लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ हैफा स्कूल ऑफ आर्कियोलॉजी एंड मैरीटाइम कल्चर के डायरेक्टर फिंकेलस्टीन ने इस इलाके के बारे में बताया है. उन्होंने कहा, यह शहर भूमि मार्ग से मिस्र, सीरिया, मेसोपोटामिया और अनातोलिया को जोड़ता था. काफी सारा व्यापार इसी रास्ते से होता था. दोनों भाई या तो समाज के उच्च श्रेणी के कुलीन सदस्य थे या शायद राजघराने के सदस्य भी थे क्योंकि इन इन दोनों को साइप्रट मिट्टी के बर्तनों, भोजन और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के साथ दफनाया गया था, जो राजसी ठाठ बाट वाले बर्तन थे
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