रहस्यों से भरी हुई अंतरिक्ष की दुनिया में वैज्ञानिकों ने अब एक नया और चौंकाने वाला दावा किया है. वैज्ञानिकों के नवीन दावों के अनुसार अंतरिक्ष में दीवारें भी मौजूद हो सकती हैं. हालांकि, ये वैसी दीवारें नहीं है जैसे किसी कमरे की होती हैं बल्कि, ये स्पेस में एक रुकावट के रूप में मौजूद हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि इन्हें बनाने में एक चौथे बल का हाथ हो सकता है जो कि एक नए कण का परिणाम हो सकता है. इस नये.कण का नाम सिम्मीट्रॉन (symmetron) रखा गया है. इस बल का अंतरिक्ष में होना वैज्ञानिकों को उन घटनाओं का खुलासा करने में मदद करेगा, जिनके बारे में अब तक वे परेशान थे.
फिलहाल, हम अपने अंतरिक्ष को समझने के लिए लैम्ब्डा कोल्ड मैटर मॉडल को इस्तेमाल करते हैं. ये मॉडल कहता है कि छोटी गैलेक्सी बड़ी गैलेक्सियों के अस्त-व्यस्त ऑर्बिट में घूमती हैं लेकिन नई स्टडी की मानें तो वास्तव में, कई छोटी गैलेक्सी, जो बड़ी गैलेक्सियों के ऑर्बिट में घूमती हैं, वे पतले फ्लैट डिस्क जैसे आकार में रखी गई हैं, जो कि शनि ग्रह की रिंग्स के जैसा है. ये व्यवस्था तभी मौजूद हो सकती है जब स्पेस में अदृश्य दीवारें मौजूद हों, जो लैम्ब्डा मॉडल को चुनौती दे सकती हैं.
यानी, ये छोटी सैटेलाइट गैलेक्सी बड़ी गैलेक्सियों के गुरूत्वाकर्षण में फ्लैट पैनल में खिंची रहती हैं जबकि लैम्ब्डा मॉडल कहता है कि ये बड़ी गैलेक्सियों के बिखरे हुए ऑर्बिट में रहती हैं. इन छोटी गैलेक्सियों को हमारी अपनी गैलेक्सी, Milky Way और पड़ोसी गैलेक्सियों में सिंक हुए ऑर्बिट में देखा गया है. हालांकि, नॉटिंगम यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं की इस नई स्टडी ने नई व्याख्या दी है. यह प्री-प्रिंट सर्वर arXiv के माध्यम से उपलब्ध है. वे इसे फर्स्ट पॉटेंशिअल न्यू फिजिक्स एक्सप्लेनेशन कहते हैं. यह बताती है कि सिम्मीट्रॉन स्पेस में अदृश्य दीवारें बना सकते हैं.
अभी भी यह स्टडी कॉन्सेप्ट का एक सबूत मात्र ही है. स्पेस में दीवारें मौजूद हैं, ये साबित करने के लिए वैज्ञानिकों को पहले यह साबित करना होगा कि symmetron अस्तित्व में हैं और इसके लिए नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी, जो इन गर्मियों में साइंटिफिक ऑब्जर्वेशन के लिए तैयार हो जाना चाहिए.
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