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चार्ल्स डार्विन जिसने विकासवाद का सिद्धांत देकर दुनिया हिला दिया

चार्ल्स डार्विन जिसने विकासवाद का सिद्धांत देकर दुनिया हिला दिया
चार्ल्स डार्विन जिसने विकासवाद का सिद्धांत देकर दुनिया हिला दिया

भारत में जिस जमाने में समंदर की यात्रा करना पाप समझा जाता था, उस समय अंग्रेज नई-नई खोज करने के लिए लंबी-लंबी यात्राएं कर रहे थे. इन अंग्रेजों में एक बड़ा नाम चार्ल्स डार्विन का है जिन्होंने अपनी खोज के दम पर पूरे मानव इतिहास को खोज डाला कि हम कहां से आये हैं, कैसे आएं है और कब आएं हैं.

चार्ल्स डार्विन दुनिया के एक महान वैज्ञानिक थे, जिनके किये गए रिसर्च पर आज का जीव और चिकित्सा विज्ञान टिका हुआ है. किसी जमाने में वो पादरी बनने जा रहे थे पर उनकी खोजी सोच ने उन्हें दुनिया के महानतम वैज्ञानिकों में ला खड़ा किया. डार्विन ने अपनी रिसर्च के लिए 5 साल लगातार, बीगल नामक जहाज पर कई महाद्वीपों की यात्रा की, तब जाकर किन्हीं नतीजों पर पहुंचे.

उन्होंने दुनिया को विकासवाद का सिद्धांत दिया और बताया कि इंसान बन्दर प्रजाति से बने हैं और उससे पहले के सब जीवों का आधार भी एक कोशीय जीव ही है, जो कि बाद में बदलती परिस्थितियों के कारण विभिन्न रूप लेते गए. अगर आप तस्वीर में देखेंगे तो आपको ज्यादातर जीवों के शुरुआती भ्रूण एक जैसे दिखाई देंगे जो डार्विन की थ्योरी पर मोहर लगाते हैं.

उन्होंने बताया की दुनिया में वही प्रजाति आगे बढ़ती है, जो खुद को वातावरण के अनुसार ढाल लेती है. खुद की इम्युनिटी डिवेलप कर लेती हैं बाकी प्रजातियां खत्म होती जाती हैं. इसी कारण आज बहुत सारे जीव सिर्फ कहानियों में रह गए हैं और आज दिखने वाले आगे भी इतिहास का हिस्सा बनते रहेंगे.

इंसान के शरीर में आज भी कुछ हिस्से ऐसे हैं जिनसे मानव के पूर्वजों का पता लगता है. ज्यादातर इंसानों के शरीर में पूंछ वाली हड्डी आज भी मौजूद है. अक्ल दांत, अपेंडिक्स वाली ग्रंथि, हाथ वाला मसल्स और आंखों के साइड में झिल्ली, ये सब चीजें मानव के पूर्वजों का इतिहास बताती हैं.

उनकी बताई गई थ्योरी आज भी लागू है. मानव विकास आज भी जारी है और आने वाले 200 साल बाद हमें इंसान का बदला हुआ रूप नजर आएगा. जिन अंगों का इस्तेमाल ज्यादा होता है वो और विकसित होते जाएंगे और जिनका इस्तेमाल कम होता है वो गायब होते जाएंगे. आने वाले समय में आंखें बड़ी होती जायेंगी, हाथों की अंगुलियां लंबी होती जाएगी, लोगों के शरीर से बाल गायब होते जाएंगे.

उनकी खोजों में उनका साथ उनके दोस्त अल्फ्रेड वालेस और विलियम बेटसन ने दिया. जीव विज्ञान के क्षेत्र में डार्विन का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि आज का चिकित्सा विज्ञान उसी पर आधारित है.

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